Sunday, February 22, 2009

एक और कविता

पूछ रहे मन्दिर गुरूद्वारे आग लगाता कौन यहाँ ?
चंदन वन में विष की बेले आज उगाता कौन यहाँ ?
प्यार बाँटती थी जो धरती बिखरे हैं उस पर कांटे ,
जिनको जोड़ा सदा धर्म ने किसने वो भाई बांटे ?
नाम धर्म का लेकर गोली कहो चलाता कौन यहाँ ?
चंदन वन में विष की बेले आज उगाता कौन यहाँ ?
गुरुद्वारों में गुमसुम हैं गुरु सहमे हैं मन्दिर के राम ,
शैतानों के घर दिवाली मानवता के घर कोहराम,
खूनी हाथों हाय मृत्यु का पर्व मनाता कौन यहाँ?
चंदन वन में विष की बेलें आज उगाता कौन यहाँ ?

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